भगवान शिव का अभिषेक करने से मिलेगा उनके तीन स्वरूपों का आशीर्वाद…

भोपाल न्यूज

सावन के तीसरे सोमवार का व्रत आज यानी 5 अगस्त को रखा जाएगा.सावन के महीने में आने वाले सभी सोमवार बहुत खास माने जाते है. भोलेनाथ सृष्टि के तीनों गुणों को नियंत्रित करते हैं.शिव शंकर त्रिनेत्रधारी है.जिनकी उपासना भी मूल रूप से तीन स्वरूपों में ही की जाती है.

इन तीनों स्वरूपों की उपासना के लिए आज का दिन यानी तीसरा सोमवार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.जिनकी उपासना करके सभी मनोकामनाओं की पूर्ति की जा सकती है.

1.नीलकंठ स्वरूप (Sawan Somwar 2024)

जब समुद्र मंथन के दौरान विष निकला तो शंकर जी ने सभी लोगों को बचाने के लिए खुद विषपान कर लिया था.शिवजी ने विष को अपने कंठ में रोक लिया, जिस कारण उनका कंठ नीला हो गया.कंठ नीला हो जाने के कारण ही शिव के इस स्वरूप को नीलकंठ कहा जाता है.शिव के इस नीलकंठ स्वरूप की पूजा-अर्चना से शत्रु बाधा, और तंत्र-मंत्र जैसी चीजों का असर नहीं होता.सावन के तीसरे सोमवार को शंकर जी के नीलकंठ स्वरूप की उपासना करने के लिए आज शिवलिंग पर गन्ने का रस की चढ़ाएं.इसके साथ ही नीलकंठ स्वरूप के मंत्र “ऊं नीलकंठाय” का जाप करते रहें . ऐसा करने से ग्रहों की हर बाधा दूर हो जाती है.

2.नटराज स्वरूप

भोलेनाथ को दुनिया के समस्त नृत्य संगीत और कला का आविष्कारक कहा जाता है।भोलेनाथ ने ही नृत्य कला के सारे भेद और छोटी से छोटी चीजें भी अपने शिष्यों को बताई और समझाई थी.जीवन में सुख और शांति के लिए तथा आनंद का अनुभव करने के लिए भोलेनाथ की नटराज स्वरूप में पूजा की जाती है.अगर आप भी ज्ञान, विज्ञान, नृत्य, संगीत और अभिनय में सफलता चाहते हैं, तो आपको भी भगवान शिव के इस नटराज स्वरूप की पूजा जरूर करनी चाहिए.

3.महामृत्युंजय स्वरूप

जिसकी उपासना करके मृत्यु को जीता जासके,वहीं शिव जी का स्वरूप है- मृत्युंजय. भोलेनाथ इस स्वरूप में अमृत का कलश लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं.भोलेनाथ के मृत्युंजय स्वरूप की पूजा से अकाल मृत्यु का डर,उम्र रक्षा, स्वास्थ्य लाभ, और  सभी मनोकामना पूरी होती है.सावन के  तीसरे सोमवार को भोलेनाथ के मृत्युंजय स्वरुप की उपासना करने के लिए शिवलिंग पर जल मे बेलपत्र मिला कर जलधारा अर्पित करें.इसके बाद महामृत्युंजय स्वरूप का मंत्र “ॐ हौं जूं सः का जाप करते हुए शिवलिंग की अर्ध-परिक्रमा करें.

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