नाग पंचमी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा-अर्चना से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही इस दिन खेतों में फसलों की रक्षा के लिए भी नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग देव की आराधना से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
इसलिए नहीं बनती रोटी
नाग पंचमी के दिन लोहे से बनी चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रोटी बनाने के लिए जिस तवे का इस्तेमाल किया जाता है उसे नाग के फन से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में नाग पंचमी पर चूल्हे पर तवा रखने से नाग देवता नाराज हो सकते हैं। साथ ही तवे को राहु के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है और नाग पंचमी पर इसके इस्तेमाल से कुंडली में राहु ग्रह का प्रभाव बढ़ सकता है। ऐसे में नाग पंचमी पर तवे पर रोटी बनाने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
इन तिथियों पर भी नहीं बनती रोटी
नाग पंचमी के अलावा हिंदू धर्म में कुछ और भी ऐसी तिथियां है, जब रोटी बनाना शुभ नहीं माना जाता है। शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूजा का विधान है। इस दिन माता शीतला को बासी खाने का भोग लगाया जाता है और इसे ही प्रसाद को सभी को ग्रहण किया जाता है। इसलिए इस दिन रोटी बनाना की मनाही होती है। वहीं कई मान्यताओं के अनुसार, दीवाली, मकर संक्रांति और शरद पूर्णिमा जैसे अवसरों पर भी रोटी बनाने की मनाही होती है।